Wednesday, June 29, 2016

Future in Change T-20 world cup's outlook, must read in hindi

बदल सकता है टी-20 वर्ल्ड कप का नजारा



नई दिल्ली।

 क्रिकेट को अधिक से अधिक फैलाने की कवायद में नए-नए बदलावों के लिए तैयार हो रही इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) ने दर्शकों के बीच फिलहाल अपनी सबसे प्रसिद्ध मानी जा रही टूर्नामेंट टी-20 वर्ल्ड कप में भी बदलाव की तैयारी कर ली है। दो साल में ही आयोजन का नियम लागू होने पर 2018 में होने वाले टी-20 वर्ल्ड कप में दर्शकों को इस टूर्नामेंट में सुपर 12 फॉरमेट देखने को मिल सकता है। इसके लिए टूर्नामेंट में खेलने वाली टीमों की संख्या को भी बढ़ाकर 18 करने की तैयारी की जा रही है। इस नए बदलाव से माना जा रहा है कि दो नए एसोसिएट देशों की टीमों को भी वर्ल्ड टी-20 में अपने जौहर दिखाने का मौका मिल सकता है। इसके अलावा एसोसिएट देशों के लिए एक बड़ी खुशखबरी यह भी हुई है कि आईसीसी बोर्ड में अभी तक मात्र दिखावे की उपस्थिति वाले 105 एसोसिएट सदस्य देशों के तीन प्रतिनिधियों की बात भी अब अहमियत रखेगी। इन तीनों सदस्यों को भी अब पूरे वोट का मौका मिल सकेगा। अभी तक एसोसिएट देशों के प्रतिनिधियों को वोटिंग का अधिकार नहीं था। इस बात की घोषणा गवर्निंग बोर्ड की मीटिंग खत्म होने तक आईसीसी चेयरमैन शशांक मनोहर करेंगे।

हो चुका है लगभग तयएडिनबर्ग में चल रही आईसीसी की गवर्निंग बॉडी मीटिंग में इस नए फॉरमेट को लागू करने पर सभी देशों में लगभग सहमति बन चुकी है। नए फॉरमेट में बाकी कुछ बदलाव नहीं होगा, बस टीमों की संख्या दोनों फॉरमेंट में बढ़ जाएगी। अभी तक सुपर-10 फॉरमेट पर आयोजित किए जा रहे टूर्नामेंट को सुपर-12 फॉरमेट पर आयोजित किया जाएगा। इससे जहां टीमों की संख्या बढ़ जाएगी, वहीं मैच भी अधिक आयोजित किए जाएंगे। इस हालत में आईसीसी का मुनाफा भी बढऩा तय है। 
नीदरलैंड-जिम्बाब्वे की खुल सकती है लाटरीमाना जा रहा है कि इससे नीदरलैंड और जिम्बाब्वे जैसी टीमों को फायदा होगा, जो वनडे व टी-20 के लिए पूर्ण मान्यता वाले देश हैं। इन दोनों को ही सीधे सुपर-12 में शामिल किया जा सकता है। जिम्बाब्वे हालांकि टेस्ट मैचों में भी पूर्ण मान्यता वाला देश है, लेकिन उसका प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं रहा है। टी-20 वर्ल्ड कप 2016 को आधार माना जाए तो इसमें क्वालिफायर राउंड में रखा गया जिम्बाब्वे 3 में से सिर्फ एक ही मैच जीत पाया था। ऐसे प्रदर्शन के साथ उसे सिर्फ टीमों को बढ़ाने जैसी अनुकंपा से ही मुख्य राउंड में उतरने का मौका मिल सकता है।
एसोसिएट देशों का वोट हो जाएगा अहमएसोसिएट देशों को हमेशा शिकायत रहती है कि उन्हें अपना पक्ष रखने का पूरा मौका आईसीसी में नहीं दिया जाता है। आईसीसी बोर्ड में उनका प्रतिनिधित्व करने वाले तीनों सदस्यों को वोटिंग का अधिकार नहीं होने से कोई भी देश उनकी बात को ज्यादा अहमियत नहीं देता, लेकिन आईसीसी के इन्हें भी वोटिंग का अधिकार देने पर सहमति बनने के बाद अब किसी भी मुद्दे पर उनकी राय भी अहमियत रखेगी और उनका रुख आईसीसी के निर्णयों को प्रभावित कर पाएगा। एडिनबर्ग में चल रही मीटिंग के दौरान बोर्ड में फिलहाल एसोसिएट देशों के प्रतिनिधि सदस्य सिंगापुर के इमरान ख्वाजा और नामीबिया के फ्रेंकोइस इरासमूस अपना स्थान बचाने में कामयाब रहे हैं, लेकिन बरमूडा के नील स्फिट को आयरलैंड के रॉस मैकुलम से अपना स्थान गंवाना पड़ा है। फिलहाल आईसीसी की योजनाओं में प्रमुख स्थान पा रहे आयरलैंड के लिए यह अपने पक्ष को मजबूती से रखने का शानदार मौका मिला है। 
यह हो सकता है टी20 कप में बदलाव16 के बजाय 18 टीमों का हो जाएगा टूर्नामेंट06 टीमों के बीच पहले की तरह होगा क्वालिफायर राउंड12 टीमें खेलेंगी सुपर ग्रुप के मुख्य राउंड में 10 के स्थान पर02 नई टीम शामिल हो सकती हैं क्वालिफायर राउंड में
मीटिंग के दौरान दो टीमों को ग्रुप राउंड (क्वालिफायर राउंड) से मुख्य टूर्नामेंट में शामिल करने पर बात की गई। इस पर सहमति भी बन गई है। ऐसा हुआ तो क्वालिफायर राउंड में भी इन दो टीमों की जगह लेने के लिए भी दो नए देशों को मौका मिल सकता है। कुछ भी हो, लेकिन यह एक सही दिशा में कदम है।- टिम कटलर, सीईओ, हांगकांग क्रिकेट एसोसिएशन ने क्रिकइंफो से कहा|

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